क्या सिर्फ समस्याएँ ही ज़िंदगी बन गई हैं? Kya Sirf Problem Hi Zindagi Ban Gayi Hain?
क्या सिर्फ समस्याएँ ही ज़िंदगी बन गई हैं? Kya sirf Problem hi zindagi ban gayi hain?
भगवान ने सारी समस्याएं मेरी ही झोली में डाल दी, ऐसा कहते हुए मैं बहुत लोगों से मिला हूं। किसी को करियर की समस्या है, किसी को health-related issues हैं, किसी की पारिवारिक समस्याएं हैं, किसी को anxiety है, किसी को पैसे की तंगी है, किसी का relationship खत्म हो गया है, किसी को किसी ने भला-बुरा कह दिया है, किसी को loneliness की समस्या है, कोई exam में fail हो गया है, कोई pass हो गया है लेकिन percentage कम आया है। दोस्तों, मैं सोनू शर्मा, आज इस video में आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं: क्या आप आज मुश्किलों का सामना कर रहे हैं? क्या आप परेशानी में गले तक डूबे हुए हैं? क्या कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं? तो इस video में मैं आपको आपकी जिंदगी की तमाम समस्याओं के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहा हूं, जिसे समझकर आप तमाम मुसीबतों को झेलते हुए अपनी तकदीर पलट देंगे।
जरा सोचिए, क्यों कुछ लोग तमाम मुसीबतों के बावजूद चट्टान की तरह मजबूत खड़े रहते हैं, जबकि बाकी लोग हार मान लेते हैं? क्यों अरुणिमा सिन्हा अपना एक पैर गंवाने के बावजूद Mount Everest की चोटी पर पहुंच जाती हैं? क्यों सुधा चंद्रन एक synthetic leg होने के बावजूद एक बेहतर dancer बन जाती हैं? क्यों कुछ लोग तमाम मुसीबतों के बीच उड़ान भरते हैं, जबकि बाकी सभी डूब जाते हैं? आज की इस video में हम problems के बारे में बात करेंगे।
सबसे पहले मेरी एक बात गांठ बांध लें, पुड़िया बनाकर अपने locker में रख लें कि problem पर आपका copyright नहीं है। हर जिंदा इंसान के पास problems हैं। Problem यह संकेत है कि आप जिंदा हैं। किसी ने बहुत शानदार कहा है कि मुसीबतें जिंदा लोगों के नसीब में ही होती हैं, मुर्दों के लिए तो लोग रास्ता छोड़ देते हैं। मैं आपसे पूछता हूं, आपकी problem क्या है? क्या आप बेरोजगार हैं? Job नहीं लग रही है? इस बात की tension है और आपको लगता है कि job लगेगी तो सारी problems खत्म हो जाएंगी? तो जाइए, एक बार उन लोगों से मिलिए जो job कर रहे हैं, वे अपनी problems का पिटारा खोलकर रख देंगे। उनकी अपनी problems हैं। उन्हें हर Monday office जाना है और मैं आपको बता दूं, लाखों लोग ऐसी ही job कर रहे हैं जिन्हें वे खुद पसंद नहीं करते और हफ्ते में पांच-छह दिन दुख के साथ गुजारते हैं। वे लोग जीने के लिए काम करते हैं, काम करने के लिए नहीं जीते। जिनके पास job नहीं है, उनको बता देना चाहता हूं कि इस दुनिया में तमाम लोग अपनी ही job से नफरत करते हैं। विश्वास नहीं हो रहा? चलो, सभी job करने वालों को एक offer देता हूं कि कल सबके bank account में अगर एक-एक करोड़ रुपए डाल दूं, तो आपको क्या लगता है, कितने percentage लोग अगले दिन job पर जाएंगे? सही समझे, 99% लोगों का मन ही नहीं करेगा उस job की शक्ल देखने का। साथियों, अधिकांश लोग job खुशी में नहीं, मजबूरी में कर रहे हैं। Job करने वालों का सबसे बड़ा क्लेश क्या है, जानते हैं? उन सबको लगता है कि boss काम ज्यादा करवाता है और salary कम देता है। काश, मैं इस जगह का boss होता, तो क्या ठाट होते! जब मन करता, office आता, जब मन करता, नहीं आता। गलत! उनको अगर लगता है कि जो boss हैं, वे खुश होंगे, तो बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। Boss की अपनी problems हैं। हर महीने सबको salary देनी है, चाहे business हो या न हो। Business करने के लिए जो loan लिया है, उसकी EMI गोली की स्पीड से हर महीने आ जाती है, वह भी interest के साथ, वह भी भरनी है, चाहे business हो या न हो। Office के rent से लेकर electricity के bill तक, तमाम fixed liabilities हैं। ईश्वर का यही कमाल है कि बेरोजगार दिक्कत में है कि job नहीं है, job वाले दिक्कत में हैं कि पसंद की job नहीं है, जिनके खुद के business हैं, उनकी अपनी अलग दिक्कतें हैं। तो फिर खुश कौन है? जो retire हो चुके हैं, कोई काम नहीं, कोई liability नहीं, सर्दी में मस्त धूप का आनंद ले रहे हैं, पैसे की कमी नहीं, retirement पर ठीक-ठाक पैसा मिला है, स्वर्ग सा जीवन तो इन्हीं का है। गलत! बिल्कुल गलत! इनकी अपनी problems हैं। मैं बताता हूं, सुनो। Retirement के बाद सारा दिन क्या करें, सबसे बड़ा challenge यही है, वक्त कटे नहीं कटता है। दूसरी दिक्कत, उनको लगता है कि किसी के पास उनके साथ बैठने का time नहीं है। उनको लगता है कि अब हम बूढ़े हो गए हैं, ignore किया जा रहा है। उन्हें लगता है कि हमारी productivity खत्म हो रही है, इससे अच्छा तो job में थे। और यही लोग जब job में थे, तो सोचते थे कि retirement के बाद मौज लेंगे, और अब यही लोग retirement के बाद फिर से job करने लगते हैं। तो अब बताओ, किसको problem नहीं है?
जो बेहद successful लोग हैं, वे मस्त जीवन जीते होंगे, उनके पास कोई problem नहीं होगी। अंबानी और अदानी टाइप लोग full मौज लेते होंगे। फिर से गलत! In fact, सच इससे बिल्कुल उल्टा है। याद रखना, success problems को खत्म नहीं करती, बल्कि नई problems को जन्म देती है। "नानक दुखिया सब संसार।" Message बड़ा clear है कि कोई भी problems से मुक्त नहीं है। Problem-free life सिर्फ एक वहम है। दोस्तों, problems हैं और ये हमेशा ही रहेंगी, बस इनका रूप बदलता रहेगा। तो अब सवाल ये है कि इनका सामना कैसे करें?
जैसे हर mountain की एक peak होती है, हर valley का एक lowest point होता है, जीवन में भी ups and downs होते हैं। कोई इंसान हमेशा शिखर पर नहीं होता, ना ही इंसान हमेशा गर्त में रहता है। Problems का अंत होता है और एक दिन वह चली जाती हैं। आप history उठाकर देख लें, हर problem का एक life span है। कोई problem permanent नहीं है। अगर आपके पास कोई problem है, तो मेरा विश्वास करना, वह गुजर जाएगी। आपकी problem हमेशा जिंदा नहीं रहेंगी, लेकिन आप रहेंगे। रात कितनी भी काली हो, सुबह जरूर आती है। Storm के बाद sun जरूर निकलता है। मेरा विश्वास कीजिए, आपका भी storm गुजर जाएगा।
यहां एक बेहद हैरान करने वाली बात अब आपको बताता हूं कि हर problem में एक बड़ा फायदा भी छुपा होता है, बस आपको नजर आना चाहिए उसे पहचानने का मुदा होना चाहिए। हर coin के दो पहलू होते हैं। देखो, एक व्यक्ति के लिए जो problem है, दूसरे ने उसी से पैसा बना लिया। कैसे? चूहे! हां, चूहे तमाम दुनिया के लिए problem हैं, उनकी वजह से कितना नुकसान होता है, हम जानते हैं। पर कई companies इसलिए बड़ी हो गई हैं क्योंकि उन्होंने चूहों से निपटने के उपाय बनाए हैं। तो दोस्तों, हर problem में एक opportunity छुपा होता है, बस आपको उसे पहचानना होगा।
क्योंकि उन्होंने चूहे पकड़ने की मशीन बनानी शुरू कर दी। उस factory में जाकर मशीनें बन रही हैं, हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। चूहा मारने की दवा बनाकर लोग करोड़ों कमा रहे हैं। इसको कहते हैं "आपदा में अवसर ढूंढना"। इसी तरह, दोस्तों, आपकी समस्या में भी कोई न कोई संभावना छुपी होगी, बस शांत मन से पहचानना है। एक इंसान की problem दूसरे को रोजगार देती है। लोग बीमार नहीं पड़ते तो hospitals का धंधा कैसे चलता? सभी लोग अगर नियम-कायदे-कानून मान लेते तो lawyers का धंधा कैसे चलता? यानी किसी की समस्या किसी के लिए अवसर पैदा करती है। और इन सबसे important बात यह है कि हर problem आपको बेहतर करने ही आती है। Problem हमें कभी उस रूप में नहीं छोड़ती, जिस रूप में उन्होंने हमें पकड़ा था। मेरी हर problem ने, साथियों, मुझे एक बेहतर इंसान ही बनाया है। मैं हमेशा से कहता हूं कि घटना का घटना आपके हाथ में नहीं है, लेकिन घटना में रंग भरना आपके हाथ में हो सकता है। आप situation को control नहीं कर सकते, लेकिन आप अपने response को जरूर control कर सकते हैं। और कोई इंसान मुश्किलों को नहीं चुनता, पर वह यह चुन सकता है कि वह उन मुश्किलों पर react कैसे दे। अगर आप problem पर अपने response को control कर सके, तो यकीन मानिए, आप काफी हद तक अपनी problem को भी control कर लेंगे।
अगर किसी problem का solution ही न हो तो क्या करें?"
"अगर आप problem solve ही नहीं कर सकते, तो उसे manage करें।" बेहद successful लोगों में यह गुण देखने को मिलता है कि जब कोई ऐसी situation आती है कि problem solve नहीं हो सकती, तो उसे अच्छे ढंग से manage कर लेते हैं। जीवन में आई किसी भी problem को solve करने के लिए, यहां पांच important principles आपको बता देता हूं। अगर आपके relationship में कोई problem है, अगर किसी नजदीकी इंसान को आप खो चुके हैं, अगर शराब पीने की समस्या है, नशा नहीं छूट रहा, पैसे की समस्या है, आपको कोई भी समस्या अगर है, तो मैं आज आपकी help कर सकता हूं। यह video आपकी help कर सकता है। अगर आप मुझे अपनी help करने दें।
(1) किसी problem को हल्के में कभी न लें
बहुत सारी problems इसलिए भी नहीं सुलझ पाती कि अक्सर लोग उन्हें बहुत हल्के में ले लेते हैं। किसी भी problem को, साथियों, हल्के में कभी न लें। और यकीन मानिए कि आज आपको जो समस्या है, वह आपसे पहले दुनिया में कई लोगों को already हो चुकी है। आपके साथ कुछ नया नहीं हो रहा। अगर बाकी लोगों ने उस problem को solve किया है, तो आप भी कर सकते हैं। आपके अंदर हर समस्या को solve करने की ताकत भगवान ने दी है। हमेशा याद रखना कि बिना चाबी के ताले कभी नहीं बनते। अगर कोई ताला बना है, तो उसकी चाबी भी होगी। यानी problem है तो solution भी होगा।
(2) दुनिया को अपनी समस्या कभी बढ़ा-चढ़ाकर मत बताना
कई लोगों की आदत होती है राई का पहाड़ बनाने की। मुझे यहां मेरा एक पुराना साथी याद आता है। मैं अगर उससे कहता कि "आज मेरी एक आंख में दर्द हो रहा है", तो जानते हैं वो मुझे क्या कहता? "अरे भाई, मेरी तो सुबह से दोनों आंखों में ही दर्द हो रहा है।" अगर मैं उससे कहता कि "मीटिंग में आते वक्त मेरी कार का एक टायर पंचर हो गया है", तो जानते हैं वो क्या कहता? "अरे भाई, मेरी तो गाड़ी के दो टायर पंचर हो गए।" उसको कोई भी problem बताता था ना, तो वह हमेशा अपनी problem मेरी problem से बड़ी ही बता देता था। आप भी कुछ ऐसे लोगों को जानते होंगे, जो सदा रोते रहते हैं। साथियों, जीवन में यह गलती भूलकर भी मत करना। Problem अगर बड़ी भी हो, तो भी उसे मामूली ही मानकर उसका उपाय करना। अगर business बंद भी हो गया हो, तो ये दुनिया का अंत नहीं है। नौकरी छूट भी गई हो, तो दुनिया खत्म नहीं हुई। लड़की से breakup हो गया, तो क्या हुआ भाई? 60 करोड़ लड़कियां हैं देश में, कोई और पसंद कर लो। देवदास मत बनो। कुल मिलाकर बात यह है कि अपनी problem को unnecessary बढ़ाकर मत देखो। चलो, एक offer देता हूं, आज आपको आपकी problem को किसी दूसरे व्यक्ति की problem से बदल देता हूं, चलेगा? बुरी तरह से फंस जाओगे बाबू, और गाना गाओगे कि "दुनिया में कितना गम है, मेरा गम कितना कम है।"
(3) हाथ पर हाथ रखकर कभी मत बैठना कि problem अपने आप वक्त के साथ solve हो जाएगी
साथियों, patience का समय होता है और जगह भी होती है। Patience तभी उचित है, जब problem को solve करने के सारे efforts आप कर चुके हो। बिना effort किए patience रखने से problem और बड़ी होगी। नौकरी नहीं लग रही, तो नौकरी घर चलकर नहीं आएगी। आपको ही efforts करने होंगे, बाहर निकलना होगा, interviews देने होंगे। मोदी जी का फोन नहीं आएगा कि "बेटा, आ जा, देश को तुम्हारी बड़ी जरूरत है। सारा काम तुम्हारी वजह से रुका हुआ है।" याद रखो, हरकत में बरकत। जितना हो सके, हाथ-पैर मारना। और सच में अगर problem solve करना चाहते हो, तो किसी से उम्मीद बिल्कुल मत करो। खुद जिम्मेदारी उठाना और तब तक लगे रहना, जब तक problem का कचूमर न निकल जाए। समस्याएं अपना समाधान नहीं ढूंढती, हमें ही उनका समाधान ढूंढना होगा।
(4) अपनी problem के लिए किसी को दोष मत देना
वजन अगर आपका बड़ा है, तो ठूंस-ठूंस कर आपने ही खाया है। मेरी सलाह है कि दोष देने से बचना और problem का solution ढूंढना। दिक्कत क्या है, जानते हैं? Maximum लोगों का maximum समय दुनिया को दोष देने में ही निकल जाता है कि "उसकी वजह से ऐसा हो गया, उसकी वजह से वैसा हो गया।" गालिब को याद कर लेना यहां पर। हां, गालिब का शेर है कि "ता उम्र गालिब इसी भूल में रहा, दाग चेहरे पर था और आईना साफ करता रहा।" साथियों, take full responsibility of everything happening in your life और put all your possible efforts to solve the problem.
(5) मदद मांग लेना
मदद मांगने में कभी कंजूसी न करना। कभी-कभी हमारी समस्या का समाधान हमारे पास ही होता है, पर हम इतने परेशान होते हैं कि हमें नजर नहीं आता। तो इस situation में अपने ego को side में रखना और किसी से help मांग लेना। लोगों को बताने में hesitation बिल्कुल न करना कि आपको मदद की जरूरत है। मदद मांगना कोई गुनाह नहीं है, कोई बुरी चीज नहीं है। देखो, राम जी ने भी सुग्रीव से मदद मांग ली सीता जी को खोजने के लिए, केवट से मदद मांग ली नदी पार करने के लिए। आपको किस बात की ego है? मैं सच बता रहा हूं, किसी से मदद ले लेना और अपनी समस्या से बाहर निकल जाना।
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