यह 7 ख़र्चे जो Middle Class को बंध करने चाहिए

यह 7 ख़र्चे जो Middle Class को बंध करने चाहिए

यह लेख मध्यम वर्गीय लोगों द्वारा की जाने वाली कुछ सामान्य वित्तीय गलतियों पर आधारित है, जैसे ऊंचे ब्याज पर Loan लेना, महंगी चीजें खरीदना, फिजूलखर्ची करना, और पर्याप्त Medical Insurance ना होना। लेखक इन गलतियों से बचने के उपाय बताते हुए वित्तीय योजना और सही निर्णय लेने की सलाह देते हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति इन गलतियों से बचकर आर्थिक रूप से सुरक्षित और आत्मनिर्भर बन सके।

1 ऊंचे ब्याज का पैसा (high interest money)

अब मध्यम वर्ग को जब भी जरूरत पड़ती है, वह पैसा उठा लेता है और वह पैसा उठाने के लिए जहां से इजी मिल जाए, मतलब कभी-कभी तो पर्सनल लोन लोग 18% पर, 22% पर, 24% पर उठा लेते हैं और वो भी रिड्यूसिंग नहीं, फ्लैट। तो थोड़े दिन में मूल से ज्यादा ब्याज हो जाता है, फिर उसका तनाव बढ़ता चला जाता है। वह अपने दोस्तों से उठा लेंगे, अपने रिश्तेदारों से उठा लेंगे। वो जहां जैसे अपॉर्चुनिटी मिल जाए, वहां से वह लोन उठा लेंगे और वह अपनी जरूरतों को प्राथमिकता देंगे। उस वक्त यह नहीं देखेंगे कि ब्याज कितना लग रहा है। लेकिन याद रखना भाई, ब्याज की मार बहुत बुरी होती है, और जब ब्याज का मीटर घूमना शुरू होता है, तो बड़े-बड़े धन्ना सेठ भी निपट जाते हैं। तो Middle class को ऊंचे ब्याज का पैसा Avoid करना चाहिए।

2 अपनी औकात से महंगी गाड़ी और घर लेना (Buying a car and house that is more expensive than your means)

आपने खूब रील शॉर्ट देख लिया, अब आपको लगने लग गया, "यार, मैं तो यह गाड़ी ले लूं और ऊंची ले लूंगा, थोड़ा सा EMI आएगा, देख लेंगे यार।" पड़ोसी ने ऐसा घर बनाया, मैं भी बढ़िया घर बना लूंगा। "एक ही बार तो घर बनता है" - यह डायलॉग बहुत खतरनाक है, इसकी वजह से आदमी का बजट डबल हो जाता है। घर जिंदगी में सिर्फ एक ही बार बनता है, यह डायलॉग बहुत डेंजरस है। इसके कारण आदमी का बजट डबल हो जाता है। मध्यम वर्ग को जब तक एक्चुअल सक्षम न हो, तब तक उसे घर और गाड़ी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, और अपनी औकात से बड़ी तो बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि उसकी EMI की जिम्मेदारी आएगी।

3 कैशलेस पेमेंट्स करना (Making cashless payments)

ऑनलाइन पेमेंट, डेबिट, क्रेडिट कार्ड में आदमी को दर्द नहीं होता। आदमी देता है, कट जाता है। कभी डायरेक्ट कट जाएगा, कभी EMI से कट जाएगा, कभी बैंक अकाउंट से कट जाएगा। तो चूंकि आपके हाथ से पैसा नहीं गया, आपको दर्द नहीं होता। दर्द पैदा करना है। इसलिए मैं कहता हूं, पुराने जमाने की तरह फिर से कैश लेके चलो। जैसे-जैसे कैश खाली होगा, आपको उसी दिन समझ आएगा, "यार, सुबह इतना पैसा रखा था, खत्म हो गया।" बिना मतलब Friends को पार्टी दे दी, वहां तो एक सेकेंड में कार्ड Swipe किया, बात खत्म हो गई। लेकिन जब पर्स से निकाल के पूरा गिन के डालना पड़ता है ना, बॉस, और पर्स खाली होता है, तो असली दर्द होता है।

4 दिखावे का जश्न (Celebration of appearances)

घर में Birthday Party करनी है, घर में Anniversary की पार्टी करनी है, नया साल आ गया, उसकी पार्टी करनी है, दिवाली की पार्टी करनी है, कंपनी में एक सिस्टम चलता है, हर कर्मचारी को एक-एक हफ्ते में पार्टी देनी पड़ती है। अरे भाई, जो दूसरा पार्टी कर रहा है, उसकी फाइनेंशियल स्थिति और आपकी फाइनेंशियल स्थिति में फर्क भी हो सकता है। हो सकता है आप अपने घर में अकेले कमाने वाले हैं, दूसरे के घर में चार कमाने वाले हैं। हो सकता है वहां बूढ़े मां-बाप हैं, जिनकी पेंशन आती हो, हो सकता है भाई भी कमाते हों। तो सिर्फ दूसरों को देखकर दिखावे का जश्न करना, एक दिन आपका बर्बाद होना तय है। फिर क्या होगा? आपको ऊंचे ब्याज का पैसा लेना पड़ेगा, फिर ऊंचे ब्याज की EMI आपको मारेगी, और जब आपकी EMI आपको मारेगी, तो आपके घर का कोई ना कोई एसेट बिकेगा। Overall आप खत्म हो जाएंगे, आप उधारी के दलदल में फंस जाएंगे।

5 मेडिकल इंश्योरेंस का ना होना (Lack of medical insurance)

देखो बहुत ध्यान से समझो, आपका बच्चा अगर बड़ा हो रहा है, आपको पता है कि वह कब कॉलेज जाएगा, उसका खर्चा कब आएगा, आपकी बेटियां, बेटे, किसी भी बड़े हो रहे हैं, आपको पता है कि कब उनकी शादी करनी है। घर बनाना है, लेकिन देर से बनाया, तो कोई फर्क नहीं पड़ रहा। EMI कट रही है, तो आपको पता है कितना कट रहा है। लेकिन आपको मारती कौन सी चीज़ है? मेडिकल इमरजेंसी। आपको यह नहीं पता। अचानक आपका कल सुबह एक्सीडेंट हो गया, तो जो 5 लाख, 10 लाख, 15 लाख वो मेडिकल की कास्ट आसमान छू जाएगी। आपको कितना पैसा लगेगा, यह नहीं पता। और एक दिन आपकी सारी Economy खत्म हो सकती है।

6 लोन लेकर पर्सनल लग्जरी करना (Pursue personal luxury by taking a loan)

लोन लेने में कोई बुराई नहीं है, वो तो TATA, Birla, Adani, ambani सब लोन लेते हैं। Loan लेकर आप बिजनेस में यूज करते हैं, लोन लेकर आप inventory लेते हैं, लोन लेकर आप टेक्नोलॉजी लेते हैं, लोन लेकर आप नया इंफ्रास्ट्रक्चर लेते हैं, लोन लेकर आप क्वालिटी स्टाफ लेते हैं, कोई प्रॉब्लम नहीं। वो तो ग्रोथ का लोन है। लेकिन जब आप लोन लेकर पर्सनल लग्जरी के लिए गाड़ी ले लेते हैं, लोन लेकर एक फॉरेन ट्रिप कर लेते हैं, लोन लेकर आप एक घर बना लेते हैं (वो भी घर जो नेसेसिटी वाला हो), तो कोई दिक्कत नहीं। बजट के साथ प्लानिंग करके। लेकिन अपनी औकात से बड़ी चीजें लोन लेकर खरीदना, तो बर्बाद हो जाएंगे आप।

7 फाइनेंशियल प्लानिंग का ना होना (Lack of financial planning)

मध्यम वर्गीय व्यक्ति को सीमित साधन में जीवन बिताना है। ठीक है, ग्रोथ साल की 10%, 15% होगी, इसी रेशियो में ग्रोथ होगी, तो 5% पर तो आपका इंफ्लेशन खा जाएगा। तो आपके पास बहुत थोड़ा पैसा बचता है। उसी पैसे में आपको अपनी आवश्यकताएं, घर, गाड़ी, बच्चों की शिक्षा, बच्चों की शादी, हेल्थ, मां-बाप की तीर्थ यात्राओं की यात्रा, घूमने, फंक्शंस की सारी चीज़ों को पूरा करना है। तो मध्यम वर्गीय व्यक्ति फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करता। फाइनेंशियल प्लानिंग में मैं एक और बड़ी सलाह दूंगा, मैंने बहुत सारे वीडियो में कहा है, मैं आप सबको एडवाइस दूंगा, आप उज्जवल पाटनी को यूट्यूब पर फॉलो करें। सेविंग में डाल दो, जो भी हो, सेविंग आप SIP कर रहे हो, FD कर रहे हो, तो उसे सेविंग में डालो। यदि आपने उसे सेविंग में डाल दिया, तो अब आपको बचा हुआ महीना उस लिमिटेड बजट में निकालना है।

हिंदुस्तान का मध्यम वर्ग बदले, वह जीवन भर लोअर मिडल क्लास या लोअर मिडल ना रहे, बल्कि मिडल क्लास से ऊपर बढ़े। वह अच्छे घरों में रहे, उसके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। लेकिन इसके लिए फाइनेंशियल एजुकेशन बहुत जरूरी है। हमारे स्कूल और कॉलेजों की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे सब कुछ पढ़ा देते हैं, लेकिन फाइनेंशियल एजुकेशन नहीं पढ़ाते। इस कारण से न तो आप सीख पाते हैं और न ही आपके बच्चे।

अगर आप फाइनेंशियल प्लानिंग करेंगे, तो बाकी सभी ब्लंडर अपने आप बंद हो जाएंगे। अब इस वीडियो को देख कर आपको क्या करना चाहिए? इसे अपने जीवनसाथी को दिखाएं, अपने बच्चों को दिखाएं। आप अकेले सोचेंगे तो उनकी समझ में ही नहीं आएगा। इसलिए पूरे परिवार के साथ मिलकर इसे तीन-चार बार देखिए, ताकि बाकी लोगों को इसकी गंभीरता समझ में आए। आजकल हम जिस तरीके से पैसे का वेस्टेज कर रहे हैं, कल अगर घर में कोई इमरजेंसी आ गई तो क्या होगा? कोविड के दौरान कितने लोग मर गए, और उनके परिवारों की स्थिति क्या हुई, यह सब देखा।

कितने लोगों की जॉब चली गई, जिनके पास थोड़ा बहुत था, वे सर्वाइव कर पाए, और जिनके पास कुछ भी नहीं था, वे रिश्तेदारों के दर-दर भटकते रहे। किसी भी स्थिति में यह चीज़ समझनी जरूरी है। इसलिए आपको अपने घर के सभी सदस्यों के साथ बैठकर एक ट्रांसपेरेंट फाइनेंशियल डिस्कशन करना चाहिए। यह बेहद जरूरी है।

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