दोस्त यह दुनिया मतलबी है
गिरना भी अच्छा है, औक़ात पता चलती है, और बुरे समय में साथ चलने वाले कितने हैं, यह भी पता चलता है।
हौसला मत हार गिर कर, ऐ मुसाफ़िर!
अगर यहाँ दर्द मिला है तो दवा भी ज़रूर मिलेगी। किसी ने मुझसे पूछा कि पूरी ज़िंदगी क्या किया? मैंने हँसकर जवाब दिया—"किसी के साथ धोखा नहीं किया।"
ज़िंदगी का यह उसूल बना लो:
जो आपको छोड़ दे, उसे भुला दो। उम्र को हराना है तो शौक ज़िंदा रखो। घुटने चले या न चलें, लेकिन एक उड़ता परिंदा ज़रूर रखो।
किसी को गीता में ज्ञान मिला, किसी को क़ुरान में, मगर इंसान को इंसान में इंसान नहीं मिला। जब भी तुम्हारा हौसला आफ़त में होगा, याद रखना—कोई न कोई तुम्हारे पंख काटने ज़रूर आएगा।
भले ही जीवनभर अकेले रह लेना, लेकिन जबरदस्ती किसी से रिश्ता निभाने की ज़िद मत करना। किसी को टूटकर चाहो मगर उसे अपनी आदत मत बनाना, क्योंकि आदतें बदलने में इंसान अक्सर टूट जाता है।
पाँच चीज़ें अभी से छोड़ दो:
1. सबको ख़ुश करने की कोशिश
2. दूसरों से ज़्यादा उम्मीदें
3. ज़िंदगी को टुकड़ों में जीना
4. खुद को किसी और से कम समझना
5. बहुत ज़्यादा सोचना
एक बात हमेशा याद रखो:
किसी के सामने गिड़गिड़ाने से न तो इज़्ज़त मिलती है, न मोहब्बत। इसलिए अपने स्वाभिमान को ज़िंदा रखो। अगर किस्मत में होगा, तो वह आपको ख़ुद आकर मिलेगा।
जीवन में आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ!
क्योंकि ज़्यादातर लोगों की बातें मनोबल गिराने वाली होती हैं। अब तो ख़ुशी भी मिलती है तो यह डर लगता है कि पता नहीं इस ख़ुशी की क्या क़ीमत चुकानी पड़ेगी।
हमें किसी को हराने का शौक़ नहीं, बस खुद को बेहिसाब आगे ले जाने की ज़िद है। कभी हार न मानने की आदत ही एक दिन जीतने की आदत बन जाती है।
छोटी-छोटी ग़लतियों से बचने की कोशिश किया करो।
क्योंकि इंसान पहाड़ों से नहीं, पत्थरों से ठोकर खाता है।
ज़िंदगी में सारा झगड़ा ख़्वाहिशों का है।
ना तो किसी को ग़म चाहिए, ना किसी को कम चाहिए।
तुम भगवान बन जाओ, सब कुछ बदल जाएगा।
बस इंसान बन जाओ, तो भी बहुत कुछ बदल सकता है।
नींद भी नीलाम हो जाती है दिलों की महफ़िल में, जब कोई इसे भूलकर सो जाता है।
अपनी ग़लती मानने वाला इंसान ही बेहतरीन बनता है।
इंसान सब कुछ भूल सकता है, सिवाय उन पलों के जब उसे अपनों की ज़रूरत थी और वे उसके साथ नहीं थे।
दौलत छोड़कर जाना पड़ा, तब यक़ीन आया कि कोई भी शख़्स किसी के लिए ज़रूरी नहीं होता। किसी व्यक्ति के प्रति इतना समर्पित मत हो जाओ कि एक दिन खुद को ही खो बैठो।
"जीवन का कठिन दौर तब शुरू होता है जब आप खुद को तलाश रहे होते हैं।"
अहंकार में डूबे इंसान को ना तो खुद की ग़लतियाँ दिखती हैं, ना दूसरों की अच्छाइयाँ।
अपनी ज़िंदगी में किसी इंसान को अपनी आदत मत बनाओ, क्योंकि जब इंसान बदलता है तो सबसे ज़्यादा खुद पर ग़ुस्सा आता है।
"जितना कठिन जीवन होगा, आप उतने ही मज़बूत बनोगे, और जितने मज़बूत बनोगे, जीवन उतना ही आसान हो जाएगा।"
अब उसे पाने की कोशिश मत करो, जो अब किसी और का हो गया है।
सब दिखता है—कौन कैसा है!
इस दुनिया में कोई किसी का नहीं होता। लाख निभाओ रिश्ता, कोई अपना नहीं होता। ग़लतफ़हमी रहती है थोड़े दिन, फिर इन आँखों में आँसुओं के सिवाय कुछ नहीं होता।
जो मज़ा बदल जाने में है, वो बदला लेने में नहीं।
जो हर किसी का हो जाए, उसका न होना ही बेहतर है।
हज़ार झूठे रिश्तों से बेहतर है तुम्हारा अकेलापन।
जो आसानी से मिल जाए, उसकी चाहत के शहर से निकल जाना चाहिए।
अपमान का बदला लड़ाई से नहीं, बल्कि सफलता से लिया जाता है।
अगर सच में कुछ करना चाहते हो तो रास्ता निकाल लोगे, वरना ना करने का बहाना निकाल लोगे।
सफलता के पाँच दुश्मन:
1. "मुझसे नहीं होगा।"
2. "लोग क्या कहेंगे?"
3. "मेरा मूड नहीं है।"
4. "मेरी क़िस्मत ख़राब है।"
5. "मेरे पास समय नहीं है।"
बार-बार रास्ते बदलने के बजाय, अपना रास्ता खुद बनाओ।
"पहचान भले ही छोटी हो, लेकिन अपने दम पर होनी चाहिए।"
किसी की भावनाओं को वक़्त रहते समझ लेना चाहिए, क्योंकि इनकी भी एक "एक्सपायरी डेट" होती है।
इंसान की असली ख़ूबसूरती उसके चरित्र और उसकी ज़ुबान में होती है।
कभी-कभी रिस्पेक्ट के लिए उस रिश्क को लात मारकर भागना भी ज़रूरी होता है।
"जिन्होंने तुम्हारा संघर्ष देखा है, वही उसकी क़ीमत जानते हैं।"
वरना बाक़ी लोग तुम्हें "क़िस्मत वाला" कहकर चले जाते हैं।
एक वादा खुद से करो:
"जो बात मेरे माँ-बाप को रुला दे, वो काम कभी नहीं करूँगा।"
अगर भगवान के होने पर शक़ है, तो घर जाकर अपने माँ-बाप को देख लेना।
अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखो, क्या पता कोई उदास चेहरा तुम्हें देखकर मुस्कुरा दे!
"सफल लोग वही होते हैं, जो प्रतिशोध के बजाय परिवर्तन की सोच रखते हैं।"
यह कलियुग है—
यहाँ लोग अपनी परेशानी से कम, दूसरों की ख़ुशी से ज़्यादा दुखी होते हैं।
समय के साथ बदल जाना ज़रूरी है, क्योंकि समय बदलना सिखाता है।
रुकना मत!
"एक बार पूरे मन से किया गया प्रयास, सैकड़ों अधूरे प्रयासों से बेहतर होता है।"
याद रखना—
"ज़िंदगी खुद बख़ुद खुशहाल नहीं होती, इसे खुशहाल बनाना पड़ता है।"
अगर परमात्मा ने तुमसे कुछ लिया है, तो यक़ीन मानो, कुछ ऐसा भी देगा, जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी।
हर किसी को अच्छा समझना छोड़ दो, क्योंकि अंदर से लोग वैसे नहीं होते, जैसे ऊपर से दिखते हैं।
"झूठ भी अजीब है—खुद कहो तो अच्छा लगता है, दूसरा कहे तो ग़ुस्सा आता है!"
अगर ज़िंदगी में कठिनाइयाँ आएँ तो उदास मत होना, क्योंकि कठिन रोल हमेशा अच्छे एक्टर्स को ही दिए जाते हैं।
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